यह प्रसन्नता की बात है कि डाॅ. सुधा जी के जुनून तथा कर्मठता ने एक जन-उपयोगी व सार्थक अंक पाठकों के सामने लाने का भागीरथी प्रयास सफलतापूर्वक किया है।
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पत्रिकाओं की बाढ के बीच भी अच् छी पत्रिकाओं की आवश् यकता बराबर बनी हुई है, आशा है उदंती इस दिशा में महत् त् वपूर्ण भूमिका निभायेगी, प्रारूप देखकर उम् मीद जगती है, आपने विभिन् न शीर्षकों के अंतर्गत विषय संयोजन बेहद उपयोगी ढंग से किया है, प त्रिका के प्रथम सार्थक अंक के लिए बधाई, और भाविष् य के लिए शुभकामनाएं